जय हिन्द न्यूज/जालंधर
पंजाब सरकार और जालंधर प्रशासन और पुलिस के लिए बड़े शर्म की बात है कि साल 2018 से लेकर 2022 तक एक ठग ट्रैवल एजैंट बृजेश मिश्रा बिना लाइसेंस लिए 700 स्टूडेंट्स को कनाडा भेज कर करोडों रुपये अंदर करके खुद गायब हो गया और वो स्टूडेंट अब बर्बादी के कगार पर आ गए हैं। मगर पंजाब सरकार अभी तक हरकत में नहीं आई है और फर्जी एजेंट के ख़िलाफ़ अभी तक FIR दर्ज नहीं की है।
जानकारी मिली है कि उक्त फर्जी ट्रैवल एजेंट की करतूत के कारण कनाडा गए सभी 700 छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है क्योंकि सभी को डिपोर्ट करने का आदेश कनाडा सीमा सुरक्षा एजैंसी द्वारा जांच के बाद दिया गया है क्योंकि सभी के ऑफर लेटर समेत दस्तावेज Fake पाए गए हैं। कनाडा एंबैसी द्वारा छात्रों को सूचित किए जाने के बाद से हड़कंप मच गया है।
जानकारी के मुताबिक साल 2018 से 2022 के बीच जालंधर के एजूकेशन माइग्रेशन सर्विसेज़ के मालिक ब्रजेश मिश्रा द्वारा लगभग 700 स्टूडैंट को एक प्रमुख संस्थान हंबर कॉलेज के ऑफर लैटर दिए गए। छात्र कनाडा भी पहुंच गए। छात्रों ने अपनी पढ़ाई पूरी की। जब कनाडा सीमा सुरक्षा एजैंसी द्वारा छात्रों द्वारा पीआर के लिए दस्तावेज जमा करवाए गए तो खुलासा हुआ कि सभी को ऑफर लैटर ही फर्जी हैं।
जानकारी के मुताबिक साल 2018 से 2022 के बीच जालंधर के एजूकैशन इमीग्रेशन सर्विसीज के ब्रजेश मिश्रा द्वारा छात्रों से 16 से 20 लाख रूपए लेकर उन्हें स्टूडैंट वीज़ा पर कनाडा भेजा गया। सभी ऑफर लैटर हंबर कॉलेज के थे। छात्रों द्वारा जब पढ़ाई पूरी करने के पश्चात पीआर के लिए आवेदन किया तो कनाडा एजैंसी द्वारा दस्तावेजों की जांच के दौरान बड़ा खुलासा हुआ कि सभी छात्रों के ऑफर लैटर ही फर्जी हैं। कनाडाई सीमा सुरक्षा एजैेसी द्वारा छात्रों को डिपोर्ट करने संबंधी नोटिस भेजे गए हैं। सभी छात्र कानून राए के लिए वकीलों के चक्कर काट रहे हैं। स्टूडैंट के परिवारों में हड़कंप मच चुका है।
ऐसे की ठगी
जानकारी मिली है कि जालंधर के एजूकेशन इमीग्रेशन सर्विसीज के ब्रजेश मिश्रा ने छात्रों को ऑफर लैटर दी। ज्यादातर छात्र टोरंटो में उतरे। इसी बीच ब्रजेश मिश्रा ने सभी छात्रों से संपर्क करके सभी को एक ही बात कही कि जिस कॉलेज में वे जा रहे हैं वहां की सभी सीटें फुल हो चुकी हैं। वे टोरंटो में ही रहें। अगले सेमेस्टर में उन्हें सीटें मिलेंगी। इसी बीच मिश्रा ने छात्रों का विश्वास जीतने के लिए उन्हें एक एक सैम्सेटर की फीस भी वापस की। मिश्रा ने स्टूडैंट को यहां तक कहा कि वे टोर्ंटे में दूसरे कॉलेज मे एडमिशन ले लें। मासूम छात्रों ने ऐेस ही किया। और अन्य कॉलेज में दो सालों का डिप्लोमा कोर्स ज्वाइन कर लिया। छात्रों ने डिप्लोमा कोर्स पूरा किया और फिर नियम मुताबिक वर्क परमिट पर एक साल भी लगाया। पीआर स्टेटेस आवेदन करने पर हुआ खुलासा पता चला है कि छात्रों ने जब दो साल डिप्लोमा कोर्स, फिर एक साल का वर्क परमिट का समय पूरा किया तो पीआर स्टेटस के लिए आवेदन किए। सीबीएसए द्वारा दस्तावेजों की जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया। शातिर एजैंट मिश्रा ने ऐसे फंसाए छात्र सीबीएसए से मिली जानकारी के मुताबिक सभी छात्रों को ब्रजेश मिश्रा ने ही बाहर भेजा, लेकिन किसी भी वीज़ा आवेदन पर उसके हस्ताक्षर नहीं हैं। सभी पर छात्रो के खुद के ही साईन हैं।
वकीलों के चक्कर काट रहे हैं छात्र
जालंधर मैें दफ्तर बंद डिपोर्ट नोटिस मिलने पर छात्रों और उनके परिवारों में हड़कंप मच गया है। कनाडा में बैठे छात्र कानूनी राए के लिए वकीलों के चक्कर काट रहे हैं और परिवार यहां जालंधर में ब्रजेश मिश्रा को ढूंढ रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि अगर छात्रों को कनाडा में लीगल प्रोसेस से गुजरना पड़ेगा। और वे भी बेहद मंहगा होगा। फैसला उनके हक में आता है ये नहीं, इसके बारे में अदालत पर ही निर्भर करेगा। दूसरी तरफ छात्रों के परिजन ब्रजेश मिश्रा व उसके पास काम करने वालों को ढूंढ रहे है। उनके दफ्तर को ताले लगे हुए हैं।